अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान मंगलवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा सौदे पर मुहर लग गई। तीन अरब डॉलर के इस रक्षा सौदे के तहत भारत को अमेरिका अपने दो हेलीकॉप्टर बेचेगा। इनमें पहला हेलीकॉप्टर है एएच 64ई अपाचे और दूसरा है एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर। इस सौदे के तहत भारत को छह अपाचे और 23 रोमियो हेलीकॉप्टर मिलेंगे, जो देश की थलसेना और नौसेना की ताकत को बढ़ाने में मददगार होंगे।
आइए जानते हैं इनके आने से भारत की सैन्य शक्ति में कितना इजाफा होगा...
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान मंगलवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा सौदे पर मुहर लग गई। तीन अरब डॉलर के इस रक्षा सौदे के तहत भारत को अमेरिका अपने दो हेलीकॉप्टर बेचेगा। इनमें पहला हेलीकॉप्टर है एएच 64ई अपाचे और दूसरा है एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर। इस सौदे के तहत भारत को छह अपाचे और 23 रोमियो हेलीकॉप्टर मिलेंगे, जो देश की थलसेना और नौसेना की ताकत को बढ़ाने में मददगार होंगे। आइए जानते हैं इनके आने से भारत की सैन्य शक्ति में कितना इजाफा होगा...
वायुसेना और थलसेना दोनों का मददगार
युद्ध के मैदान में अपाचे हेलीकॉप्टर न केवल वायुसेना बल्कि थलसेना का भी मददगार है। यह युद्ध में आर्मी स्ट्राइक कोर के हमले को एविएशन कवर देते हुए उसे और खतरनाक बनाएगा। इसमें दो पायलट एक के पीछे एक बैठते हैं।
दो पायलट के साथ अपाचे दुश्मन के दांत खट्टे करने में सक्षम है। एक पायलट हेलीकाप्टर ऑपरेट करता है, जबकि पीछे बैठा को-पॉयलट टारगेट को लोकेट करता हुआ सिस्टम यानी वैपन एंड इंक्यूपमेंट्स को कंट्रोल और ऑपरेट करता है।
दिन-रात और हर तरह के मौसम और जगह पर लड़ने में सक्षम
अपाचे उष्ण-कटीबंधीय क्षेत्रों और मरूस्थलीय इलाकों में ऑपरेशन की क्षमता रखता है। इसका टारगेट एक्वीजिशन और डेजिग्नेशन सिस्टम आधुनिक है। इसमें पॉयलट नाइट विजन सेंसर, थर्मल इमेजिंग, डाटा लिकिंग व फायर कंट्रोल राडार (360 डिग्री) सिस्टम मौजूद है, जिससे यह अंधेरे में भी दुश्मन पर वार कर सकता है। यह बेहद कम ऊंचाई से हवाई और जमीनी हमले में सक्षम है।